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________________ याद करा महतयाग लियेह मे रहे वा निविदा संसारमा कलकलाटावर जोतिराम मराजापि वदना विवा बाग तय सिघातगवाता सादीया श्रपवसिया मात- श्रनाग हम कानले गोति दासीह चली शव संसार मोरगवासरूपवसतिया समाति आएगातिऊराम रेखाओ शिवेदां ससा अलोकविघई शिविरहर किमहमाया सा६म जीव दलनी पाम्पाकाहासी बोदसरार व्याड्या देवाड्या साधका दाऊईन. इमाजावरून साधना ओघान तह das रकलं कली सावगतवासवस हायवंयम विकंता सासयमयागयहं विद्वंतिकहिया मिह पतिया सिद्दिगुरमत कवर कर नेहरइमेकहम भगवंन लोक मोचयविभागेरा लोकतो भाग साबदली होतव यामि कहिं सिद्धाय तिहिया कहिं बोंदिवाणा कमिलाई २ आलाएपहिया सिद्धा लोय असरारती संस्थान ही संसारमाध्यमे यासा मनश्वयतोवर सबै इलाभश्वमे उस रारारार ग्रिय पथ प्रिया इहांबाहिंचा होम मुख्य लोक दिशश्न बडन तिहीमोकऊईसादघा २ मंत्र संग हंसवेचयं तमावरम समय मि प्रमाणमनुसात हा हवे हलभित्र सरस्वासंस्वाभ श्राकारवशेष भार एक वा संस्वा साहब तेह दामोदर पाहा श्री आसायमघणं तसं तहिंत स्म ३ दावाहांचा जंवर मशावहाव संघाणं तात्रा तिता ग
SR No.650017
Book TitleUvavai Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
AuthorKesharvijay
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages211
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_aupapatik
File Size100 MB
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