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________________ वदे श्रममनामादेवता तेनासाव आकृषाकर्मनल सर्वेदेव घितिदेवतानी अांतरातरारहितचय किहजार भिकरण पूज्य दिव मादेवलोक घका निरव करान पितरा शरारत्राबाडा तक गमन शांत अम्मामादाय वादिव लोगान श्रारएां सर्वकरण वित्तीकोणं श्रागतरवयवत्री कहिंगजिहि मतम महाविदेोपसंबधान तेहकुलातिपका आधना दाता विश्वविद्यात विस्ताली पेऊ नायि विरिदिनकरमा मेहरूपवास देत्र नेहन विध दिक पूरादिकपरिघ दान दियघात घर बारि कला इंसति श्रहाई दिना चित्रा विवियाविर बहुधापनं धनगरिमा दिका रुपमं प्रयोगदनदविभशादिकप्रयो विशेषेदितेषा तरुपतिक परिश्रम कलातव्याधिक रिवति इतर पात्रे किशं किमान किन ऊस्म तिक विवहिति गोयमा महाविदहिवास धरण सयारायण आवाह गाई बाबा रुत्वस्य आश्रयोगसंयत्रा विलियम देवरा घटाउतारनादिवटा बघणा दासा दाम अनइतियाना बोरुगोट घेऊन लोक श्रमस्ति परा ताम्रकार ते हवा पानपरि समस्त सवन मानक यारवंत सुकुलन विष नस्त्रपारपाई बैऊदासी दासगो महिसगाव लगयात आई बपरितया तहागारिनु कालख प्रम रहाते मातापितानतिज्ञाखतित जास्ता विश्वास प नाघनाघने विषइंट प्रतिज्ञाप नरमाशा तिहारादिकमादे महिष रामज्ञातिगवांगानुस् त्राय प्रचाया हिति ततस्तदा व समास सम्मापिता धम्मदढ यतिशात विस्मति ८२ เป็นแฟนเป็น WELSH225 शयन शय्य आसन गसमा दिक याने शय नादिक वाहन व सरादि कपूरा पुरुष तिद्वायम्पतिवार बाते दारक बालक देश कप डिस्प गर्तमा दिरदर्श THUISE US SHOESIUPA
SR No.650017
Book TitleUvavai Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
AuthorKesharvijay
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages211
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_aupapatik
File Size100 MB
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