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________________ नरावास्कि निकलवा ॥ मालरीसमस२२ नई लय विदेद राज रामबल तपरिवाजकर्दमधरसन्यामा कजानामावेदया । तिमहामानामनिहाएसियविनाविदहि शयाशाम बनिश्रातलापरिचायाशिवयव सामवेद अधणाददय तिदासपुराणश्यतेयांववानिरवचनाममालाशा श्रृंगशिकादिया रहस्पलावनेदतेण बोटादिकच्यविद मारकरने परिका पांगतेदनाश्च श्राम दिना तिदनावरणहारवासनम तजये। दसामावदामशावदनिहासपंचमानिधंडलाय संगीबंगा सरहरमाचावया सोयीपारका। नापाशा बारकदिया वहगमा सावितकापिलाब विशाखपति गणतशास्त्रनानाणदार शलसणशा गपथशाशनाय पविषाशावताना म नायारणाकरा काश शास्वनमरणपाहार शिरुशरुरवपशाखकल्य खतावशा स्वबंद ना. धावा रका बारकाधारका समेगावासविताविसारदा संसापासकाकीव वागणवादनिसान मोतिविना तय धि बनानेराबअयणावात्मण संबंधायाशाबनई यकिनविमानतालवातिएकरानप्रीतेपरियाजकदमधरसन्यामा दानापनेवादिानदासौचरूपधर्मजण APामबसवतसएसन मा सुपरिणितियाविडगागारिवायावसायवनवनि नाचगमाविकामवि व्यानकता सूचवतायकाबलाबोलधावताक्षमाविवरस्यामाना करवाजेशामासकार्ययोwapथवि तसबकपाणायक घणतिषकमानकाजे यकार पापवईति चालिसवापानमालाला यावारितिकमा कि अमन शमवणय २ राना
SR No.650017
Book TitleUvavai Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
AuthorKesharvijay
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages211
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_aupapatik
File Size100 MB
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