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| सत्ता निकालातही ज्ञान निगममक रिचाणाबित नका बिदाब मना मिवैयादवला
●निवारी ते णिकराजानई
शिकनाई तस्म तंसारपुत्रा याग निघ की महामो टा घोमा बिया सेराजान नागमोटादाघा पाबलिको स्यमं वलीरघनवम निवार पाने] ऋणिक राजा थना ग्राहकधरा हार॥ हा वाया बांधणदार
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छात्र अनुमय सिंगार पयदिय ता लियदि उत्सव आसय अत्र पवना व सविठाए सघछ
सबल रंग लेकर सर्वपरिवार इस सर्वादिखथम करा सर्ववितिमान सर्वचिन्त्र छात्र मागी सर्वमन्वभावनई सर्वकालगंध करकर दायका नई 'ई विस्तार करा वेसनईय दिवेकर परिवारका रानई मानानामाला ल त्रीय सङ्घबालगं समुदां सवादारापं सवित्री सविता सागंजम
ग्रामलिश्कानयामिय्जब कच को धनबलवत्र माप रिवाजी ताटी लावयाल निगारपाणी नवसारखे जेहन दनाई
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कारमुकटादि मर्वटितानि शतेनानिनाद मोटा सर्वकाममोतिरादि मोटवनकटकन मोरचरिवारनंदसमुदा केकर। कनकनिक ममुदायेकरा व्याकरा
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लालंकारिएप सवान मियस द्दस लिगादिपं महार ही मदयालु भी महया बालां मयासमुद