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________________ त नगवती सूत्रं ॥ गामा दिप पात्रता मांससा तिथिदेविंद्रा शवमा लिया। कति विदेणं दापोती मग पिडा देवणि दाणाद ते काले २० यादा कति विदेश लाख शिक्षण। येगा। एघे व केवलिना ि त्रिवि पणिहाण कायण हि ए। मपु पद्यमाना मानवासलात जाव विरति तपसाण नवोपायेन निरस दावत का लेराय गिनामेन नाइनिपतनू चरिने यता गुण सिलम्सचे तियस्तरमा म । मालादायी एवं दासत्रम सपन विशदम मदुरा ना में समाएगा वा सप परिवमति । श्रहा व दर्शयतू चाहे ॥ काय हाल था। पवेडावरि दिया गणित्रागातिविदेऽपि दवडण्ण शिक्षा दिना विशिष्णाय । तं मणखण्या माणसांत कति विदेसुणणि दाणा पंपदेचे लगमदाबी (जावव दिया जाणवय वि गारगुण मिलaavaadimagदवि सिलो तब देवेन्न विया पश्विमं तितिका ला दाया!!! पंजाव से कामयं मात्र वेग गदैनग शिवलिंगयंजा व विदर ति तास माणलग महावीरनदाकदा यिद्याविवरमाए जामामामादाय रियाजाण्डवास तितांम॥ शामक हामयं मात्र • एतत् त्रिका या दिवस्तु मन्ये वितकार्थः । एवं सचेत नाचि तनादिना कापणा प्रपमानचेना संजयः तस्पति रुदयं प्रश्
SR No.650016
Book TitleBhagavati Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1539
Total Pages1168
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size575 MB
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