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॥ कलसिंग• ध्यान्यवात्रावृक्षिस किन सूधपा गए. दिवह फरसति
| उ मसवाडानु] स ध उसे धार कर । तिहनशब्दली रात्रि बादवता ॥ देवतावासातला करी शरीर न इस्प किरनजे
• जादवता सीतल
वारुडकर
सिशजांकल संग लिवा मुग संग लिये वा मास संग लिया सिंबलिंसंग लिया। तक मिश्रामि तदेवे सातत येसगं सिवल विवाणया नियं पिवति । सते सिवलिया सतिंखागखशज) चाले बाघकरी गा बम्माम सुखा मेवा शिदामा संखुद विधारागण) [दामा सकारादामासदत्ररिसाव संघाराम बडिगाढमासा मिराशा शमादा दिशामु दिद्दियांज्ञाश्मदेनुमोदन सरकाचं तिर्येणाऽझवंतित छन्नलादय माणि नाददवासीयल दिल्लादि माहि प्रमाण दे दिंगाया इंपॅरासेतिदावस विज्ञति॥ सविस्तार सीमा तणावादावाना साविज्ञति तम्मनंसि । मगर मिश्रगणिकाएसंतति ॥ सस।कोम गाणं सरीरगंशा [मतिसिता तापवा सि॥ भिजावतकार सत्राणांस मोद नगरीयेशला मंग्राजी विश्वासपरिवति श्राह जहादाला दलाना आजा दियसम सरीर विषश्यमिक याला माणविदश तायण तस्माजी विधवा सग स्न्नदाकदा विश्व यात्रापशत त्रावरतकालसमयं सिकुटुंब जाग रियंडा गरमाए स्मायामया सावत्र्शचिए समुझिचा किंसं भिया जिरे शरीरबाल इति
विसप्लान
नही हिना
वारपसा