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दर्श यमाहा नवरं दिवाल उ तिइत्यादिप्र
परमसम्मानसमयाय वा एकड़ियान उत्पन्नानाद्यादयसमयावि/ युषः प्रथम, यशवत्। एतेचया सामान्येन एक प्रिया स्तुवा जति तिन
सोनहाप र मोसो इत्यादि ३\\ चरम ० चरम समय कडजुम्मकडजुम्म एगिंदि यत्रिः इहचरमसम यत्रा ट्रेन के प्रियाणां मरणसमय विवचितः सर्वेयर नवा
यवतंत्र चवर्तमान
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(एकमaan दिवमभिश्वासमोसालसखविंग माया
समाया दिल्ला दान्निसामाद
नाद कें प्रियेताना बोत्पादन व
तखानामिना
(मत स्वायावरून युग पदम समर्थकड जंम कृतयुग्मायए के दिनांक 33 ॐ तपास अदा पमाद्दामा सालस दिविज्ञा नादांना जावक लिएर्वजदेव = नितिनोले पाए याक लिया नामांतर aayaa रिम समय कदम करगं दिया। उमसमयउ देम aaja aaryaara तद्विद्धति (सम यशकं प्रियो ह
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त्रियधाप्रयमस
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विप्रधमचरमस
समयम
इति॥५॥
रिम समय त्या तादा मनात रमममय । दि० न विद्यते वरम्। श्रपदमसमय अहासातादव निश्वास से लागि।
समय उक्त लक्षणो