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________________ पू शाराप दुक मारा कृतयुग्मंशति जोतत्यादि । मनोविशेषा पितातः तत् व्ययविशेषणव्यते। महां तिचतानि युग्मा नियम हा युग्मानि ॥। 314 लवति । यधात्रा करू महा नउ स्प3 विशेष चिक हा जुम्म कहि यश जजघन्यत लगता सोलमा दिनही ताकि शितान्य | का शरी महाजुम्मक मायापेक्षया १३ कडा धार। तथा चान्। एवमन्यचापि |5| एलइन था बारस पगिंदियामास या सर्वात शत्र नावविरति गदिया सदा माइंस जायते। अपना गिंदियास दिसती के विशालतम दाऊं मानना गा |सालसमुदामा साक्षात कडकडओ मोकड मातांयाग कडऊंमदावर कामोक डिजाम का गतिका पहारी ये कहा है। वितिकतयुग्म मौताणातायात (ऊमाँताया गकलियादावर ॐभक दामोदावर जंभात निहाँ समय अपहर नियोजनाय यायावर मदावर दावा लियागों कलियागकडोमों कलियागत तोच उ का डाटा सूचकन्यागों कलियागदावर जामों के लिया. गोलियामा लागछ समयनीका जावक लिया सावण ईकडे तुम्म कउनु दीपितारा सिम् अवदार समीत विक डङमा मकवान समयानां च ः संखा मकडजम्मा काममा वीरमा एतिक्रमिगतमा बिण्या राशि: सामा कम्मरामि श्रवदार समया कड मामितकडे मागतायाणां सचिवद्वारा श्रवदी होना रामः प्रतिसमयेन रमा शासित सिम्स अदा समय मासिक डऊंमादाय र जामीण पहारिणाय पशियमाणापे या योजः। श्रपहार राम यापेक्षया उक्त युग्म एवेति । कृतयुग्म 5. तिच्यात धान्य कोन्नविंशतिि माणः त्रिपर्यवसान महारत्रयो व शिष्यांत। तत् ममेयायचा वति॥ राजदचातिविवरात्रौ मानिसर्वत्र तयार समया ए क्षमा वहा पायेमा ए प्रन्यापि देद्वितीयमिति । इदच ती यातू चार पउदा हरणानि । कृतयुग्मा पर रात्र अष्टादश मयापि तास वो उन्मको तिमालसमदाड निता कडेजांम ཏཱཾ उपहार [यिकेनचत्रप पाठ एश्वः पर्यवसितो नवति।पहारस ऊतक 720)
SR No.650016
Book TitleBhagavati Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1539
Total Pages1168
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size575 MB
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