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खालसामाहात
नाली एबा हिशिवारात अपज्ञासुम बवि का यज्ञा वनचित्र + चरमोतमा ि
अनुश्रेणि विश्रेणि+दानात ए निवाता सर्वचरमा सामारुणितान जनिएक
हा सुमद
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खगतिः
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उत्पद्यमान ताकवश्वका दश सादात याज्ञा । एवंपऊन्ता वा यश देवा ॐ मशालय की इस नात चादिसामा यि कि हावाका इथे शास्त्र तिकाथा जादव विकाश्यावश्ववातिसागसातक तिस एवं उद्दालाग स्न्यादि। ह बानू एवं खतनाली एबा दिशिल्लाखा माया आदला गखनाली एवा दिशिखाश्ववथा विना कार्य सागमः निश्वासामा लागियावा जावबाथ स्वणम्प्रतिका उदायरवणामतिक कायिक ते जो मतदाता सुमप्रदविका। नातला गमनस्यनयोन से नि जीई) मिल्लियरिमात सामा दास । जलविद्य गरम १२ विमानवरमाता बादस्वायुका जि मधुदविका तियत्ता १२व किन मांसात कतिसमश्याएं विझia [गा एगसमाश्चेति यति एवा समवा तिसमइावा वनसम एवाविना ३१३ सारण सात पदे ह्रादत्रास्यानानि च५ एगममश्वा| जावदागा। एवंख लगाथमा भए सन्त्रास नाउ । पति । उग्रश्रायता | जादा समानिनि दशकाला या यता सदनमा समाजका परमाता Mahuaa समय विग्राह ग्वदाकाका माण जिला मोतिउत्म मान
त्रयत्रिकेने देन
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