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________________ विश्व का रह श्रभिया हारन जहाज न कामले चलि जाला माती० श्री लो या दो क वो दस पाप करवाती यदि बायोस मरा नगीनवाला श्रपरिमिवायदमी दिस विकासामायाशा पाता वामद्वातदक ria स्मियाय तिमी दिया। garma | वृंदामाय निमेता विपयायकाल सामायारी विधि नादभदा दस विदेपायaaila आला या रिदेवि डिक्कम शितलया विदे। शिवगा शिदोदि असारदे तवा विदे वेदा शिदा मूलादि श्राप वहाणरिदे पर शिया शिदोडशिदतावापती बा स्त्रमा फाइ दिपर्या अतिशय समितवा दिश्यताal नादिरपि अमाय रियालि॥ प्रायशिल तारहितपरकाय रियाया रमपरिधान कार्य किलास दारापर्या शिपायावक दिया कि की लग्नात श्राम नात्रासमे लाडवाल सामत करिव स्व लाहि मासिएलानतमा सिपात्रामा सिएलान | सञ्चयञ्चरका शासक काउस ग्रिडकरी करी रह रिहि० गुरुप्राक पडिली या किम25 इंद्रही अपराध ज alsanilaaaaaaa रात्रालया वामनानमा भिएलानमा सिएतावदा) लिश्रालाय क सतेन (२) किताव दिएच25 (वादपन मारि मावि पति पादाशिमर्थ आपदा म ताराप तलधि शमया नियमाडिको सिपाaaण सकलनपरकाशित लवठय्यारि ह० तपकरावीत तलवार चिया • लिंगा दिलिद एनाबता बाहिर काढत लधि ॥१०॥ उल ४ तिरापर ५६४ तयारिहि लोएशिप डिक्क श्री पवार
SR No.650016
Book TitleBhagavati Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1539
Total Pages1168
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size575 MB
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