________________
श्री कर्म हमलामा साप्पी एबवर का लाजरत जाणिवा जीवस पिलान उसी काला जन्मता ३४ मलकाले
विना
॥ जन्म• उपविच ॥ संति० ॥ क मन्त्र मिज | कर्मभूमि) सादर उनी उस सचिन ३॥ सर्पिणी कागत महाविदाचत्रबाश जहब उसे
केन्द्रमा शदाकामसंतिला
समसमासरी
शाउला
आणालया जहानुला० परि
पनाक-या रिपलि
गतिया कि कम समयादा का काले मावोबादादा तु पि विपरिहार विखी ॥ यदा पुला/समाजदा मामातिय संसामात दिखे देहात्रे वयमंलात किंवसपिणिका [लादा का स्तमणि का लादा काकानो चपालजागे समितिउस्मणिणि का | गाउम पिलिका | जहास पवबादादागिनि नाई लेदोपस्स सुमतिसादारणपछ| अन्नधारप लिलागदो ना पिकाले दाद्या | भस्म फिणिक स्मासूर समा पिका लिहाज जतिन समिणिकलादा मस्तसमा मराठ सुमसे परा नियोग दापयंत्र दरका अशिसा कालात दिवस गासिंग तिदिवगतमा नि तसिप भावमा पिउवाका समासरी का असावा व णिए परिहारविख परिव
तो जन्माश्री
पलि जागे०स्त्रम
हा रवि सुधारित्र वरंभाग मंतिनापलिना ग नोली का होमका सरदारविसुद्दीन || सूर्यकाल 1 लेवा दाना नोनस पिकाला उस्मापि रोशा दाखला (उस्ता बाल विज्ञदाइलाई श्रारे अशवम मातियमंडपणे लोत का लगात समाए (किंग सिंग जन्मदवासी samaajaa मारे
या
श्री शहाण
उत्तरऊरु निर्वि मापलितागेस
ताम्रा
गातमा लगवासी संज्ञा (जदा कसा
नियतेज हा०स्त्र व 1 नाकमा साहरा • सोधतर विमान के साथ साला याना परि । सामाइक। जाणिव गर म संप राय निनी बेदोवगवाणिचारित्रनशा 2701
रम
नापरिजा
समसमा काल
म
२३४
उताचा श्री चारा
हा महा
1. समा