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________________ यतिवतिकानं केल्यानतिक्रामज्ञा.हाय मा क्षमात्र नविक्रम कक्षालनातू २५॥ साज पारन इ दिनिसमा जेस पर ॥२॥ तारे ने काल तलक कालव सनादा भगवती मासिलिप डिमं मं पति विरतात सवंद आएगा रमा सिंथेलिऊड करामा हाम्रा काम श्रदात। श्रहास मंस में काफी स शिपाल सिलियन के सिि एताः सः सरितशरति। किहेति । अणु पालिश ऑणा परादि । सम्मकाणां फासिताजीवप्राशादना saणवसमानगवे भदावर/a9 १३५।२समलगवंडा वनमं सिता । पवंश्या रात्रभान एवं नवमी महामिता दिएमा मादामा सिथे लिकं पडिमं व संप किन्नाला र हतार "मावशी पूताः ॥ विदरिक्षण | ग्रहासदादवाणिया मापद्विधाताववदामा सियांत माहिना हक न नाक नशति येा उम्मा सियेपेचस त्रपदम् सत्र मराति दियांदा सत्रशतिदिये। इस तराई दिये 5 काटत पारे दिदाति दियेपगशक्तिंदियों तात सखदपत्र पगारपगरा तिथं लिपडिमं श्रादाखतेजार आशादा॥ [ जाणवसमा गर्वम् दावी रात वडवाग३५२/ समाणलगम दावी रावल मित्रा एवं सीदा। इव। मिलताश दिवशमा एसमा रयणसंव 1 कम्मअव अनुमोद संपतिाएं विदरिक्षण आदास दादवाट पियामा खापि इन उ अब इतिम एक र्ति से स साविवारिका नि० एकरात्रिका कालति हो स यथानयनतिक्रामं दास मं• समभावानतिक्रमद करीना • मनोरमात्र एफस• प्रतिमा यामाहालित ह गुणनिर्जरावि रचन कर नि भ HOOT Bar ५३
SR No.650016
Book TitleBhagavati Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1539
Total Pages1168
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size575 MB
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