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जवा ज्ञानपाया ज्ञानाव
भागाबद
६२३४५
तागुरुय
रमणादिद्रव्याणि जा
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भवतीसमवकपदासागम कालजी (वनकदा निश्रा भिजावानास श्रोतलावात पायता देणा तारित्रपदाता उदारिका विशरीराणि चल जयपा रुयलऊयण्डावान चिणस [3] [सताखन चाश्रित्य । इतारिखक जवस का जीवन जि विद्यात रवे दया उच्चा शमयामास्वरूपेनाश्रित्य तपu संता सिद्धांता सिद्दी । तस्मदियां श्रथमाहमपदविदा सिद्दी/पंग) गा सिद्धांत खतां सिद्दीपण या लीसांजा यमसदस्मा याया मनि। रकं लेगा। एग जाया काडी बायाली संसा यमदरसा शेतीसंवस दस्ताई। दानिय पान्नायास कि विश्वाससा दिया ॥ शिरकावगाएं। अधिणासांत कालगणं सि ahana aara हालायात दाना पियादव सिहासता खनन सि दीना का लड़ सिद्धांताला ३ सिद्धी गोता जवियातरवेदया जाव (किगत सिहती Taniaari पाग सिसि श्रतखत्तणां साहा से खियाद सिए। अशांखरूपादासा।
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