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प्रधानन्दनादिक
=दायिक ससादात
एनपि विदिक्क लाविविधनवाधिकार नादन चिकन मनो धो दाय
शुधिनवा
: वृषाः ॥ २॥
आष्टा विस्मयो
नगवती निम्मातवाद्वणदायमा पप डिगादति विदागतिक दमडला वस्त्रहारा• वस्तु निसमा दिवा उपनिवसंसार परित्रीका रंगि मियामश्मा इन दिवाण तथा विधाराव्यरूपा धार राघुद्दादमद्दवापखमनिदा शितांचल रकावक । आदिया आदी चतरा दिया गास चाहा यादव दादा विद्युतपराय गिदेनगारसिं घाडगावपण अन्नमन्नमेवमा नवजा तिरकतिज्ञावपरंपरावति धन्ने। दवाए। • पिया विजयगादावती कयादा हो दोहो या विजायगादाaaiकयान्नदशा पिया विज्ञायगादाaal कयलरकाशणंदे, कया३० कतार्थः त "तारुवे。त घास वापियां विजायगा हाथतौ कयालायां दिवाणु यिविजयागादाखिला दापयामास्मदंमजी वियफले विजय सागादावति गदै सितदाज्ञावसा लवतू लक्षणः॥६ साधुकाव पडिला निगममा इमाईपच दिवा इंपा इतया इं । तंवराद्वा जात्रा दादा गाघाट काणे. सफल क arthaharनक लरका कथा लोया हमास्त्रमा वियं फल विजयस्तंगा पर दावा विश्वासांगामा लमेखलि डान शास्त्र अंशियण्यमदासाचा तिसमासमुप्पा
कलाकृत
छीलो कान इहलो
लोक
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जन्म जीवितव्यस्प यत्फलं तत्र घा
ज्ञानविशिषई। त्यर्थः ॥ साधुखा कार