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________________ असली व त्यादाहानाला सादशना टेति प्रसुरादिव ज्ञानांतीचे करा दिवाला जानू तीरादीनात्र पाए सुनाहवनि। प्रज्ञाश कि प्रज्ञप्तपद 3 पलक्षितमाधीत मारि। तावयवाश्रमाशिक ३॥ कवतिया aaas fतपदा थाना एतदवच्च । तादश्वा गोवरौदा दि वाद दिग्भवति नपुंसगादयमान भववति । सिताच्या उच्चहंगा विवाद वन वरं यस्माजव शिवदिनापीदिदंसणयनचद्वेति॥ ससंत देव पत्रा तादवनवरं माखऊगा शिवदा गाण्नता एवंड रिमावदगाविस गावदगान गिकादकसाया। सिय चिसियन दि जहाकावा [दावा तिनिवासि एस खड्का । एवंमाणमायमा लालक साथी समंतावयतिसु विगमपख ॥ एखकखचत्रा शिलस्मावता गियचा एवं सोख विचारविवरं तिस दिगम अमाखकालागिया। जावा साखा अव रिमाणं॥ कवतियालात नागमारावास जावघयिऊमा रान वरंच त्रियाला कि वतिया सातवा राममथसदस्।पा। उसे खावा। णमेतरावा समय सदम्प्रा पतिले त किंसख विवडा असंख शिव डा। एगा। सांरख विना मे खद्यद्यविवडा । सोखा खा लेते वाणमंतरावा समय महाप्रख एग समपरण कावतिया वाणमंतराव ति । एवंऊदासुर कमारा
SR No.650016
Book TitleBhagavati Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1539
Total Pages1168
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size575 MB
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