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________________ 2 अणगाराचा भवतिगामी । गला पदवीपतीमा पनिश्यावा समयसम्म अमोखड विव नर मादाम पाकावा दादा) तिनिया का मांसारख जानि रतिया देव के त्रि। एवंझादव एव विवाइख तिनिंग मगात हा असे खविचाइि तिगमगाना पियवा । नवरा सांखालागि यहा। ससंतांचवा संखा अरिमाप हिनाि 5. नत्रा नालसा (लसाधनदा पदम ॥ एनवरसांखनविश्वास विश्रसंखविदलीयसं खेळ बाइस विवाहितादिदेसी यमाख ॥ mijari oraा। [सते (चव सकरप्प क धांनाहिनी क नागदवा कवतिया निरयावास ॥ Saugaीस निरयावास सयम दम्मा तिवखोकाः स्रोव तनांत किमाखाविव। श्रमख विश्व पिवेदाराला तदा सकरणलापवि चानू व संख्याता थ वनति नवसमत विगमप खननमतिसमेतदेवा वायला गण अपनर स तिरया वा सम यस दस्मा) ससेजदास करणला ना तालमा खालमा पदसमा। पंकपलाएछ।गा दसतिश्या वासाय वेदा सकरपनापन व विदिताणीच दिसणायन अहंता सताच मा सनी पहिलइनरगिज लग जा नालिसा• श्राद्यपृथिवी ६ यापक्षयानृतीया दिघिवीना नावाला सुनवति। ताश्वयवाप्रघमत्रानि तधा प्रियाः ॥ . ही नाणी दर्शननवति• कस्मात् भवतात हिती कराएवानच तानोत्पद्यतइतिष रादयश्वनवनि। ७७०५ व सुनिगम एसुनन कस्मात अ (त संज्ञिनःप्रेम मायां एवोत्पद्यात सन्नी खपढमं प्रतिवचनादिति अ 92 SIND
SR No.650016
Book TitleBhagavati Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1539
Total Pages1168
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size575 MB
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