SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 565
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ पन्ना। वरमा। गंधाचा सांपन्नता । श्रवन्ना फोसा पत्र एवंावलि यकमारा प्रदविका तिया एंड लियातयगा इंपडुपचवन्नाजावाफामा पो कंमगे पडुन जहानेर तिया जीवंप हवपवेज्ञावचन रिंदिया नवरे श्या वरालियावधि यातथगाईपचपचना जाव फासाम संजहारतियाणं पं विदिय तिरिएका जाए। याजदावा मस्त्रापारा ॥ लिया [व] चियत्र तयगा पहुच पंच चोदा (नरतियावामेतराजा (त यजीवापाल विकायापपसावमा नवशेपाप्रलचिकायपेचाशु ग्रहफा संपेनात्राणावर नाव यंत राण्या पिकावर फासा किलेस लोकश्वन्नावा बालम पचनाजा वफा मापनना। नॉवलेपचा अवमावेजा व सुकलेसा सम्म दिश्विक देसा प्रतिणिबा दिया। जाव विसंगता एच्चा हार समाजा व परिसद सम्मा एया पिश्रवणि कष्टले सा०] [ऋग्यादा विपरीग्रह संग सानानि वर्णादी विज्ञाय परिणाम चानू जावालसंघ चं• तर परिम चन्नाजाच सियावमा कंमगेजीवेपड १२ श्या । धम्म विका
SR No.650016
Book TitleBhagavati Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1539
Total Pages1168
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size575 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy