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________________ लगती दवागयवमाखापादमियाखंधा। गयः संखितपाद सिखावत एवं दवाए यम खकादमपादसिया खेधा । पयसाखऊपाद सिवालयति ग्रहवांगथन में विकास। खिऊपादसिया खधा । एवं च मे खिपादसिए वातवति। श्रवासोखका अमाखपादसिया वेधी लवं तिश्रमं खिदा कमाएमा कपरमाणुअलाल तितालात परमा पापायला जाव कितवति गाणं पाद॥ सिएaryarai मलिक माऽदावितिदा विज्ञावदस हा विमा खड्का' असं खिका ॥ तदाविककतिदा कमाएग परमा छापा आलं पातयसि । एखाधा श्रवादितापाद सियावधान तितिक्षाकक्षमा गयदारमा श्रतपाद सिगंन वति । श्रवा गग परमापगड पादमित पदे मिसवति । नावच दवाएगपरमाणु। एमखपादसिएतपाद) सिसवति श्रवाएग परमाणु पादात पादसिया नवेति । ग्रहवा पगडपाद सिगदा) तपादसिया नवेति एवं जावं दवाएं यदसपाद निपग यर्गदा आणत पादमिया तवंत अदवार ३०५
SR No.650016
Book TitleBhagavati Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1539
Total Pages1168
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size575 MB
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