SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 531
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ एक विशेष त्रा स्वा • शास्ता एमाण तू स्वादयतेत्यादिना दाना वास मानिकप्रयावि नात ततस्तव विभुं नानादिद्याश्वादितत पुनिये पासह पडिला गरमाएका विहरस्ता मात्रिपतत्र ६ मासेनवं पासियउपादानंतून नो कामध्यापरोषमै प्रतिज्ञायाताऽनुपालयाना विश्वरिष्यामः स्ा स्पामय वहानाने काली तन्य यांताच पिवेति मानिकप्रये नानंतर वाक्षिपेश पोषधीतिउपगम तिपतिएर डाइपरिया दियंति पर समस्लग महावीरांचं दर्शना एवं तर नातिया (काडया वितिया ३ डिनिस्कम ति102 जागा वसावानगरी वा मिनिका कार्य खसमणावासात समाप्पा वास पपवंददासी। मुझे दयालु पिया विश्रपाखात अनुयाताविह देवा सात वरकडावद विधलेच सोपा पोरखा तिमेसा तिमंश पाक दाइ मानदं माणापरिमाणापरि लाएमाणापरिक योपमदंप डिजागरमाणाविद रिस्तामा) व्यायामावास गास खम्मसमाणा वासगण्यमहं विपपडिखपति (ममाणावा मग सामय कावपि समुपण किया। नाख लामास ॥इति ॥ का परिव सरध मादिरिया महा यंत दिलंच मजा वसा तिमंचस्प्रापमाणसाध परिकर्यापण सप डिजागरमा एम्मविद शितपसे लापापास दिया वंश वा रिम्ामुमधिमयमा लानग शिलव शास्त्रनिकित मुसलम एगस्त विश्यस्त दशमंघारावाथस्मपरिक थोपा सप डिजागरमा एस्मविद रित्रपत्रिका एवंसापादतिशे जावसाची नगरी म गिदो पला। | अबियम • एकस्प बास हा या पक्ष या द्वितीय स्प॥ तथाविधको धादिसहय अपेक्षया केवल स्प एव ॥ श्री स्प्राएमाणा मनीष बनितांतसमे मतदानाविदए कई टनोजन दान बीजे पद्मष्टान नदान करवा यंखलामापा नाकमा ३५
SR No.650016
Book TitleBhagavati Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1539
Total Pages1168
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size575 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy