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________________ सागाराथमा इंद्वितीयमत्रापशेवा द्विणादिवार्थ दशला गाय। तातपातसमाणावा सग मिलह अनाममणावा सगमएवमातिरकमा एास्त्र जावपस् होना सद्ददंतिनापतियंति द्वितीय शतकस्प ये चम राति एयम असदमा एपित्रियमा एआरापमा जाम दिया था तामवदि। संपडिगया। तांका रिसमागमभ दाशारजावसामामाजी व परिसा पडवासति गियास ए• aणात समाणावास मकदापलक्ष् डासमणा एवंदा गिअहम एप वासविता समान गमहावीरात सिंमवासगती समदतिधमा कहानाचा पारा हलवतात माणावा सयासमणस्मलग अंतिपधमसा aayadarshall /समलगंवेमदावारंवंदा विशेपबंद दासी| एवंखखलात इसिलदान समाण वास या तरकश नाव कावति। दिशा एखा का दिवा एजदा दसवा संसद इंद्विता पत्राणपरसमया दिया । जावातण परौवाधिमादि। वार्थादवालागार्थासक दामयं शांत एवं कार्तिसमा लगवं महावा तिस माणा वासवदासी। वीरस्ता
SR No.650016
Book TitleBhagavati Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1539
Total Pages1168
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size575 MB
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