________________
उदगा• डाउ अचाकरी ही (दसा • जालीहाला न पासरीचारी राजन
या जिउ सिसिडीटी अफ फलादिकल्पाला साम
कंसोयिं• भाजन विष पचतानि हव काल उघा एव न शरीर
9999
दसापोस्किय • उदक सि दिसि
लगती या सणसवाल वा सिचंन किए। वायस रिका॥ सवाल किए। सलाहारा के सीवदारापित्रादारा। तया दारा । उष्फादारा| फलाहाराबी या दारा परिसडियन फफला दारा डा। रुकम्म लिए ।। मंडलिया बिलवा (सिप दिया।पा किया। आता भाग हि । पत्र गितावदि। इ लासा लिये पिकेंडसा लियेणिकासा लियेपि श्रणकारमा विदति । नदाउववातिए जावकडामा लियं पिवणाकार माणा विद रतिज्ञा दिसा पारिकता दमात सिंग अंतियं [इल (दिनादिमा पारिकतावमा तापपत्रपत्रिपविसमा फफलादि मयारुवंद्य निमदं निगिष्टिस्मा मिकण्यति मजावी वागद्वेगढ किल्ले दिस दिसा के अवालेल उनपर 7वा लाग वादाॐ गिशियर जावविकरिता त्रिकटु । एवं सांप दे। एवं सांपडे लादी लादा घडावत का हूं दिय मावशाकाश्ववदा। कालसी विष्णामाला दिवा पुणिया दक्षिणा घरं नगरं स शिंतरबा दिरिये या सियावतमा ए त्रियंय ब्राज पारदतिणीस सावराया । दा इंशिका टुंबिय प्रशिमसावतिदासि।खिष्णा मिशाला दिवा २६८ पश्चिमवली २ दिमिर फिरवतो पारो कर ॥दिमाचक्रवालतका
लाशापा
पूर्व दमित्राने नाव जला
५। तिहांनां फलादि
चउधरपार लि
ग
क