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________________ कामश्रसाख का लेप शियेकालांस विजा एवतियं का लंग तिरागर्तिकार का माणसांत प्पलजीवाजी पांचवं दाढ विजीवितदाजावाजी दया। सांतांत उप्पलजीवांसमवा तिजीवास पर विभप्पलजीव शिकवतिये कालीमा यंकाल सावका॥कवतियंका लंगतिरागतिंक गावास दानव दाणा । अक्का सांता इस वग्नहरणा क लापस ऊदाम गदाओ तामुताको सात कातरुकालापवतियं काले सवका एव इथे कालंग तिराग तिथंक । रसातलावादतिदिय जीवर पार विणलजीवतिकवतियंका लोसावजा । कथ [एक][ग] लवादास। दामणदाल अद इंगकाम सखा सवदा का लदास दाम दाता अन्ना अक्का सांसे खड़का लेंग व तियंका लोसावा । एव प्रियंका लंग तिंगगतिंकारज्ञा । पशतई दियजीव सिंदियजीव विशालांत उप्पलजीवप शिंदिय तिरिराजा पियजीवति वाणानादास ऊदामोदा नवादा का स तिरागतिक
SR No.650016
Book TitleBhagavati Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1539
Total Pages1168
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size575 MB
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