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प्रति सकारवर कामात तश्याल दिया रिपण विसवारिया करणची रिपेरिसीरिया जमणान चयरूप प्रभ पत्र मंति रियानविद्या एावयर काम्माख्या। ल हिदी रिए एसवी रिया करणवाशिश्रवरिया गमनानं तं सदा नरश्याए वंज्ञा वयं द्विंद्रिय तिरिरकाना लिया। मम्मान हा दिया जीवान पाचतार. सिद्दवकाला गिया।। वाणमंत राजा इसावमा गिथाजदानरश्यामकांत धमागतिमा पापा इवाएं मुमापक्षिमऊ पशिकादमाणामा. चिवक जन डंडे का या ला॥ ॥ दा । कान तिर तिप शिपरिवाथमाया मास मिचादंसणसान गाथमा। जीवा गुरुथनंदधमा !! गति कणसात जीवालयमा गापा गायवायावर माणएं। जावमिचादंस सल्लावरमाणां । पख लागा यमाजीवाल। मित्यादि एवं सति । एवं संसारं आली कारति एवं परित्री कार ति दी ही कार ति । ईस्ती कार दिए। कार तिवारी परियवत्री इंडो एरियति । पदेवी यी वयं तापसञ्चावचारित्र्ाणसा यता शिसतामण सात श्वासंतार किंगु रुपल कवतिकाः स्त्रार्किगुरु: पागरुथलका | गुरुयल ए[गानागुरुप नलिऊए॥ना गरुस्थल ऊपरुथल ऊस शेत स्वाक निमसाखी गुरुलले फासाचसविवद्या यादी (नायवा । ससा व कासा गुरू लक्ष्या निव्ययस्य च फाराम त्रिति तिक मान परिणामा। नित्रठफासत्त्रिा बादराणि गुरुलघु पिरुलघु व्यंकप्पा हार गुर्वादिचिचार्थपित दी ही करें महालागुरु ग्राभागमनातून घूघूम. उर्वगमनात् गुरु लघु व स्त्रियंगगमनात् गुरुलघु कावा
लीकारेदि•
इत्यपरिजी
अवसायना
गुरु