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________________ मनमा रहनवत सांगा ५०० रकस जागा नाक से जोगा नार६ देविका काम श्री गुणाकरा ६ त जोगी सात गुणाकरा नाक ६ पाच मे जागरिक १० सा वर वारा इतना जागा ३०२१३ विक६ तसे जोगी ना२८० नारका ९८०१३५ विकारात्रीस वास कराता कमजोर ६०२३५विकल्प पापा ३३२माशी +3 कस जगा जोगा २४७ मिकम जोगा पत्रक मजोग । २२२५च च कम जागा दशव कलाश्र सर्व मिला ५०० मोगा ३००३ र वा हवेसात ना। जा सत्रमा १० नं व क २६ एवं पण कामदार सागत दास तटविज्ञापियन वाणां प्रश दिन संवारि ति ।।। मतदेव तिया से जागा पिंच जग कसं जा गायन दात दासत्र विज्ञानवाद्या कादिसंवाया। जावक कम जाग।। श्रदश दास कशश गवाया जाएगदसत्रमा वहसतम २ पाहा श्रवापर सकरांना auun देसनमा दाना । श्रडलात तर तियानि नवनारका नातिपावसा पावसमा अब गंगे याहाका | जावदसत्रमा हा दिक संजोगा क्रश्रवा पाश्यप सत्र सक्करण । लापादा जावं या मांजा गाँजा ववकास एवं 5 या संयोग त्रिण संयोगना - जायदा सन न तिहाडष्टवि नाणियाचा |aajपाकाकांश दिवसंचाराचा योग ना? पाँच से समाजावककमागम्मश्रदाता निमकर रागवायादानुभक वापर या जागतमा दामनमा पदा का श्रदायाश्या जावदातमापाग दिनमा पादा। एवं सेवायां । जावा हवा दारोगा मकरी जाग सत्रमा पांदाना ॥ विज्ञातनिरतियानेर तिययावसायविसमा णा किंवा गोगया। रण प्याला एवादागा ए० सर्वमान १११६ - नांगा ॥ ३ त्रिक मंजी जागर * १४१०११३ गोपन करी पुणे सर्व [संजोगा ३॥ + सत्रमा+४ १४७॥७३५॥ १२२ ॥७३५॥ उल६ १४१ ३००३ स घट
SR No.650016
Book TitleBhagavati Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1539
Total Pages1168
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size575 MB
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