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________________ रंगा श्राह मन्त्र *मांचनार काना सोगा। एक संजोग या। न्यविक संयोगा या । २२० सजेगा या सर्व घई तनिक से जो गाना 5 क.मजागा ना१०पा इतके संजो गाना २५०३ मा शमविल एकवाक २४॥४। क से जो गाना 240३विक द्राक ता३५० जाि मपादाक्राश्रदवा श्रादसत्रमा ७ए कु.स. दागकर जावागभा १०५वीकस यादसत्रमा दावणगमवालय परागमणगतमा प ३५० ती कसे दवा का हमादा का श्राप गवालय जाव ३५०चोक, सहा प्रशांतनिर तियानिरतियणवसपदि समाण किश्यपादाका अगंगाग १०५चच साप लावा (दान) ज्ञाश्रादसत्रमा वाद काश्रवश्यचमकरणादाव १ संज्ञा वापरागश्यपचवालयला [होगा | जावदवा गया। पदयदे २४४ सत्रमा दाजी) अक्षवादार नाशिक रम्पला पाहाका | जावदवा (दाश्यांवता रियादसत्रमापदा का श्रदवा विनिश्यति। मकर काम दापंडया संजो गाता उष्ट्र विना लियाचा नवरंगाका अश दिन संचारयाचा) जादवापचतमा अहस मापदादा सक्करवता शिवालयाला दाज्ञाश्रवा रागस्थाए सक्कशवत्रा पिकला दाहा। एवंाश्वागस्य । पाम सकरवत्ता स्पिंकष्णला पादाक्रा D रहमत्रमा बनार का एक मंजोग या २०५ कि संजोगा या २४०त्रिक संजोगा या ३५० क संजोग व्या पाच संजोग था। सीमला सांगा मंत्र तक जो गाना 15क संजोग ना १२६वकाशपरिय एकवी सुख गुणाकरात २६ कि. संजोगा नापराविक मरारारारा/३/२/३/२/३ शशशशशशशशशरात्री गुणाकरात पाचक में जोगा ००२३पनि केला २० 2/210/21211 212 नागा या १४• चक संजोगी या २१मीच शशशशशश कल्पाच शरारारारा शशशशशशशशशशशशशश राराराराराराराशी गतमा मन्त्रमा दाका करा इत ३० देच मंजोगा ना१०५ पदरक वा विकल्प चार रारारारारारारारारा रारारारारारारारारा एक वामपीच सजो नवसइनइच उदास
SR No.650016
Book TitleBhagavati Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1539
Total Pages1168
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size575 MB
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