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________________ सर्व बघतरंज ● तो मुतिक घं वायुः विकिया 33 सर्व बंधन तर पल्पो सर्वबुध का निवार पठाना बंधक घ विवाहावरावे २३) तिहा ख्यात मनात कमाउदारिकचारी वायुविक्रियगत प्रथम समजल अनिवार पर उदारिक वारीरी वायु विष। पल्पोप मनसपातमा चिपचिडियावे म समय सर्वबंधक घाणपरिपल्पोप मनसंख्या क्रियारी र न सर्व बंधन तर घ अंत ती कि मापांचे प्रिय तिथ विक्रियगत तिह धात वारपा प्रतिपन्नः तत्र प्रबंध तरह। श्रता का पंप लतामवस्तं माखतिला गंप वाद सर्व धममम सर्व बंधको धेतरणितिरिरका ना गियां चिंदियोवः वियंसरीराया गवेधत २७॥ मद्यवेधतरंड दाता सुचानतः ततः पृत्रि कामकाज व दसवें तरं एवंम सम्म शिवालात वा कवकानियात्रांना था] का इयान रविवान का श्याना काश्यण गिदियशद छ।।।। स प्रथम सम सर्व -प्रासवानः वा श्रोता मुझसे। अक्का म तं कालं वातिकालापवाद सबंध तरपि। तरमुत्रमात्राद जीवाश्यपसद विनेरवि यात्राणाश्यपतद विद्या॥गा। सङ्घवं राबंधकारही ति तदादेसवा समदम्माद्यतामु मश दिया सतिका लादे वर उदार कसर्वबंधक घ साता भाकामा एतिका लवणसतिका वादसत्रमा समयमात्र प एनवरंगा इस्मत पियासावतारहापणं तातमश ( यच्चासिसंतान दश बंधकवयः वापेदिदियतिरिकाज्ञा नियमाप्रसादावाका तयार कुमार नागकुमार जायसवाल दस्ता दिवाएं एए मिंज हाश्या प्यताएं नवरं इतारजस्ता वितादमियासाश्राता मुख जुविक्रियकर पि नोप्रतिपादित चातून सर्व बंधान र घोक्तं नवतिशति ॥ २॥ बानावसह बंतर जन्मनां कुछ कनवानां प्रतिपादितवान्॥४॥ युः जातः तत्रापिक तिपया तू कूल क वान् वित्रविक्रियं गत मये सर्व बंध को जातः तत्रविक्रियम्पव निवारावे क्रियकर तो प्रथम समयस | बंधकघयansi ऊना कुल कनवा
SR No.650016
Book TitleBhagavati Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1539
Total Pages1168
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size575 MB
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