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________________ 14 149/200414 जावान बाल विवापादनारकानायुत्राश्री ॥ १॥ विविय यंचि वाउ काय न इल दिया श्री वाकाश्य एयि विक्रिय कर दिया श्री विधि मनुष्य चियात उदगावी रिसोडा गादश्या पावावयवाल दिवा ॥ देव विसरण्य यागं नामा एक म्मम्मद (त्रियंसरयाग बोधवाकाश्यप मिं दियावः चियसरी २७॥ गावी रियस जगदछ । विल द्विपञ्च । वाम का विय। गिं दियावन द्वियंज्ञावबाधारय एप्पल प्रदर्शिन रतियपं चिंदियांवर चियंस राख्यायागणे तिकस्मक म्मम्म गावी रियमाजागसदा चिया एकाajan गप्पद विजा वबाधा एवंावादसत्रमापति रिरकाजा पिय पंबिंदिया raat छब्बा।एगा। वीरि यंदाanaका। गमपुस्तपंसिंदियाव garnaaal श्रख मारलावा सिदव पंविदिया विज्ञावावर या फलप्रद वि रतिया पंजाव थिऊमा पाए। तापवोजाति मिया एवं मा हम्म काष्णावया विमा या एवं योग विकण्यात या त मागियां एवं तारावा तिर्यक पाती या विमा लिया। एवाचवधेन विसरारण्णा या गदाधांनांत किंद में बावा सदा। गासबोध वि।सन्वबोध विवा काश्यपगदियवेदेवरयाप्प तप्रदः विनेश तियांग वाचव जावन्ताराचवा तिथा।। वः द्वियंसा BOUTN
SR No.650016
Book TitleBhagavati Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1539
Total Pages1168
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size575 MB
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