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________________ (1) प्रबंधक • निग्रहनांसादिक raat दाविकाश्या पवंशमतिका तिथं का पंजा धमाणुस्मा शगस्ततिका तिया पदा नि विवि यसरी खड्डा का मां श्रमं खिद्ध का असे खास पिउनका लखन योग बंधे. मनुष्प श्रभावाला गोगवादमयंतरं विकास प्रदधिका लाए पसिनां वा उरालियंस पंचित्रियति कानाराम बंधा सबंध बंधणक यारराव शिमसा दिया वा । गायमा मनो श्री\\६ aisalary लियंस रामचधगधग शिरसा दिया दिसबंध गाव ऊ वा काय गंदिव द्वियसरी रणाया गयाधातक तिविविए गिं दिय य. विक्रियकर वयसरी राया गांध्य पंनिंदिया हि॥ यसरी रयागंवाया। जतिपगिं दियावा लचित्रा श्री सिरीया and निकायेण गिदिये सरीरपोष श्रवान का तिथे मिं दिया लिलाव जागा संग व विसरीरांतादादाला याचा पन्नास वा वतासह सितारा वचातियकष्णातीयविमा (पियादवपं चिंदियावः चियसरी रणाया गवाया अपना सच सिहंजाव पाया गं बोधयविन वियसरीरपायागंवा 영심 कस्म कम्मम्म 200
SR No.650016
Book TitleBhagavati Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1539
Total Pages1168
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size575 MB
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