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________________ Mithun तयाकमा बाधसमुपाति पातेजस का मात्र तचातू (तेजस का तिव्याख्या यति॥ मनुः ॥ वीरिय· जीवन वा निरा पिपलताविधदारिकशरीर पफल एगः नारी रिविादशा भूतषाबंधन त्पद्यति रक्षायोपशम इस वीर्य पासायाग० मा एकिप्रिय (सावि॥ तथा प्रमादप्रत्ययकमन त्यादिकउदय व ॥ पदविका प्रियण गिं दियपणे लिलावाला दादा उगमसंग कायायामादिकन गलिय सरीरम्मत होना था। जावपकता गवकं नियमणू संपविदियन गलियस विनिर्यगुतवादिक योगबऊपजा बायका शव के तियम संज्ञाव बोध्य गलियसायागतकक्रवादिया श्री मस्मदरियम जाग सदश्यापाप मादपञ्चया कर्मचा जागेवल बंधयेच उदारिकरार चरा लियंसरीराया गणामकमाउद पारा लियंसरारणाया गबांधप गिं दिय छापा जरा लियेसरी राया गांधांनांतक ॥ दधिका ॥ मवेदिया तिरि तियय गिंदिय]रालियरीणयागपत्राचा aanaaणन विकाश्य। एवशतिदि के जा (ट) यपयांत दिय एवं विदिय तिशिकाका गियोंषं विदियनरा लियम यायागवालातका मम्मादेव सविंदरा नियम रायाग बांधणं शतकम्म कम्मस्तद, वारियमागमद्दद्यया एपमादापमम्मापं चिंदिया लिएरीरेणायाम नामाए कम्मम्म १० | मापं विदियवरा लिय सरीरप्पा या गं बांधा अरा लियेसरी रणायागबांध NC
SR No.650016
Book TitleBhagavati Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1539
Total Pages1168
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size575 MB
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