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रे बगलातले • दूकडादीस अमल• उदयास्त्रमन ॥ मनिय• नद्यामध्या मुक डानशव गला दीसई)
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मीथप सदाबाद। समयेवरिया परीसदावादज्ञानातं ममय सापेशीम दोवादति । जंगम यांस आप मदोवादशानातं समयं व रियायती सदावाद ती जेड ही वाणे ज्ञात दीवस्त्र रिया श्रम संनिय सिद्धारय मॉलयदी सेति । मशतिय सिमालय शायद ति मायालय मलेसिय दासेति देता गाथमा । जेद्दादावर या उग्रममु शिरताच वा असिंज्ञायालय दीसं तिनंही शतदा विसरिया प्रमाण मुतं मय " नेत्रपा पडि घाये. मुमिaaसमात्रएं देत मायमाऊंड दीदी वस्तूरिया उग्रमण। निज़ सः प्रतिघाते जावज्ञात्र तिपासात बुद्दी व दीवस रि याउनमाणमुजमियम तिर्थ श्रभ्रमणमूलन स्तर बाद उचानामा कणांखातिश्राह विवस्त्र रिया अमृत सिप यमले यदी संति जाने मिरयम्रालयदी मंतिगयंद्या लिमाप डिघाणानुग्रा ऐनईत्पूर्वः) लेस्मा प्रतिघात ह मुझसे मिथ हार यमालयी संति लम्मा लितादिमशेतियमुत्र सिमालय शस्य दी संति लम्ता स्व पडियानं मिशरयमालय दी संति। माता गायमा एवं खच्च । नंदीवांदीवर राष्ट्रापि स्वरूपेण ले सानिताल • तिज सोनिलापन म भानि दास च चतरचा तू स्यः तिज साप्रतिपति । ततः प्रतापभान प्रत्यास्तर्यत्रासन प्रती सन्नो पिश्रासो र प्रतीतिस्वनयति॥॥॥॥ तिं जनयति