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________________ नकरशन कारवचन कराने को मन का नकारान कारावाचा काकानामनाविच नानकानामन) काया । १५॥ न कराना काय । १६९ का मन वचन करनामनाका नकाशा मो वचन काया निकारान काराव म नसा 201ान कर 11 वचन नत्र मोदशम ||२४||ने के का माका थमो विशिप डिक्कममाणनकार इनका शव माणसांध्यमादवान) कार तिनका रावण सांकायसा श्रवान कारनकाशवति। वयमा कायमचा निकरान काशवा का नकारंतिकारंत नाए जाए।मण साध्यसा अहवान कारति । कारत नाकाशमण यान कर सो कार्यमा प्रदान करतिकारंना पुजा एति वयसा कायम श्रदवानका रावत नकारान करिना एका भिम सावयसाग्रद वन काराव करना जाएातिमा निद्रा काय सा साकायसदिन कारावर्तिकारो तंभापुजा वयसा काय मावि नकाराना मो एक शिप डिक्कममाणन कार ति ॥ नकारावास दवानका रतन विनिश्रावय स काशवति व सौहवान कर तिनका राव तिकायमा] श्रदर्शनकार शिकारा कायम जाइमा सो दर्शन कार करते ना जाइ। वयमदवाकराकारले ना। पुजा । कायसा श्रवान का शव कारं तं ना जाइ।मणासी ग्रहवान का शवका नाशवयसाप्रदानिकाशव। करिते ना जाए। कायसापिंग विदेतिशिद मासी|२६|| का २) नकारवश
SR No.650016
Book TitleBhagavati Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1539
Total Pages1168
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size575 MB
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