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क्षणांवाद विनाप्रका एनापि यमाख विकाश्या वामपुच्छा | नरेंशचात राख लाख लोक विकाश्या करणाधवमाया विवादेति॥नाकरण अनुरा लियंसरी खुला खालपांविमायाता दवाखानां सायं जीवा पालात किमदा वक्षणमा दानिक रामदा विणण निरा अप्पात् दण्णा। मदा निराश्रापाव दाण।। अप्प भिड राणा। श्रावतिया जीवामदावदणामद निराश्रावगतियाजीवा महावदणा अप्पारावतयाजीवा। अप्णवे : दणा महा निराश्रावगतिया जीवा अप्पावदात्रण निकरा। माकपाड मिडियनगरमदाव दाभदा निकाjaaसनमा सुपरवीन श्यामहाविदाप्यनिकाशमाल मिप डिवनगारपावदा/मदा निकार अनारा देवाश्या दिवा अण्णावदा। श्रप्पति द्वारा सवनात रमदाविदा कह मऊ कपयादिकरणाचयकालक रामदा[व] क्षण जीथा। मिथेला तराश रायगिर्दन गरजा व पवेवया सिआदासाद्दामाजि