SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 193
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ कानडे सात जैजोकर एक का सत्र २ का बनाना श की या हजी आप्प उनधी कीती यान नाग शान गृह राउन दावतात लड विणमास के गिलड मोतिका सायास श्रेणी एसिया ग्राह तिम्मणलात ताडा कि चार लिया किरियां कूराव मिठा दंसणा किरिया किजा कस्म श्य २< ननाच्यारायांचे वाडा (किंचार निया कि रिया का मित्रादसा किरिया कागदाव पनि स्त्रीपात साता उडाउार लिया किरिया काना वापञ्चवाणी मिठादमवतिया किरियांसि जात जाव लाला बीज कशेक तिस्संगांत सेवा उपयण + मनोईसिवति गादाशतिस्त्र सातसंडे शिकणा जोडीली काय माणसाला सव। सिया।। नायक तगादा वा वातानुडा कि। मा वनडे वि 'कनश्+4 इएनं डंसाध कीनीयानइ कुतिया सात ताउलेडाता किंयानि किशमा शस्त्र क आरतिया किरिया [गा। कश्यम्मता लंडा दहिनाचना (किरिया के तिमिबादसा एकिरियालगाएगा दावतितास हा पहिला वश बिश्र कानडे उपयोगादावतिस्मलीतला जावंशायोमीसिया पय पिकदानादभूव पी एतदानय। चाचा लागासीय सिया जदा पद मायालागा। सोडयसे प्रणीसियांनाच । एमागमादितियतया पाका मामा श्रम लावट हातायान पातला पहिला इलोग ईदपतिन साउना घणी की था। चन्धश्ता इति दन इज धननाघेका यातला तिनयनाच्या मानवे घालाव सरागादावश्यगानि एन तघापाचनश घली काया उलीए. बाजाचा तावानी परिश्जा कया। नावानांडे उपरि देविश्वला विश्र लावा ध्यन उपर 85 क चीज उग्रा लाव नाज तो उसं
SR No.650016
Book TitleBhagavati Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1539
Total Pages1168
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size575 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy