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________________ डायप्रसश्री मुकमुनीतिवाहक प्रवादयतीनिर माता एवचन स्परम की बालावस्था लातूरात मुत्र उस विरदी लिंबंध णाविया।मश्नाविशविणायम पडिय गंदगं पिचादमा एलिश्म वाघरासमाणनगम दावी ताण वा गतिशिवंवदा सि। एवंखलु दे वाणियाणां श्रांतवासी श्रतिमुत्रीणामं कुमारं समासोलीत मुक्तकमा र समा कतिदिन वग्रदाण हिंसिनिक्षितिजावां तंकारदिति। श्राज्ञातिसमाणलग वैभदा । वीरांताधारपवेवथा सि. एवंखलाओ मितवा सामान में ऊमा रस माणपग तिलपडाव विणीपास श्रमात कुमार समा मणाचवत वग्रहाण सिशिक्षितिजावतकार ॥ दितितमाएं श्रतिमुतंऊमार समदालिदा निंददा खिमदा गैर दावमन्नद झेणं दवा पिया तिमुक्रमा नरम गिलास गिष्टदाँ अगिला लागणं विणायण। वया वडियैकाराथ + मिलाए गरदेति मम मानकमार समाएतकाराची तमसारी रिपोवरालगवाता समाल+ नेनू विनेति वयामदावारण पत्ता समाणासमल गवंम हा वारंवंदतिमुक्रमारसम अगि ह· जात्या सति निकरान ॥ अगिला ए• मिलाएर संगिट संग्रह. गाकार करता वताएगी कार करिव द मा गिष्ट कार जवाबद करतिमसरार• चर्मचारी र ईत्य
SR No.650016
Book TitleBhagavati Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1539
Total Pages1168
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size575 MB
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