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________________ हरि· 55 बघा हार (गाय तः शाटिसका नागसाहर दरकार एस हा घया काढा १०. परामसिय २० विस गाजा साह२६ - उदर योनिक जाल साह र ५० या निकाल ईउदरावर अल्जा दिवेकर जाली अजा बिजानिक अलीया निद्रा से एगा। यह माहिपहिला बाजा । चत्रघानो गाने निषे एपछी निधक लगती सूत्राविमागणी व सिंदियाजातिया दरबा पार कर सारी लोग दरीलोट ३ शिण गामसी सकडची गसा दरमा किंगसारंगसादर झा चागालादवताना ● स्वारख जागिंसा दर्शक गजेसा दरवाजा सादर शागा ॥ नागझाउगसादर समशिदवाडी यह पर्वता गाना ि राना जाएगी गऊ सादर | पॅराम सियर वा बाद श्री वातरा मित्रा बाद जाएगी अगोदर पक्षांना दा शिगामी साडी गनदमि) एकतामा सिया॥रामक्कवं सिवा। सादरिāपवा) नादरिया । ताप मोजेवणांत कर सासरित्र एवाग स्मगसम्म किं विद्याधादेवा। विवादेवा ॥ एका शिग्दै प्रकारकापख समधान नवयान मंत्रांसाद रिजावांना हरितका सिमलगम दावी रस्ता येते (शिवराया का काढ. ६ वासी मात्र णामकुमारसमा गतिला कुमारस निकाला उ घुल कर समाज मा माया कथा मदाद्विकार्यसिनिवयमाणं मिकॉक पडियदश्य दशामायाएव वेदार) नापना मंत्रयमात्र ऊमा रिसमा वा दयं वदमा पास। महियपा 102 करच उतको यहा पिदिवताना विठि देवी खंड खं श्म की धाविना दिसंपपिविदारात विष से वाशनम लघुकरा साहर 519 रेंग्रा बाधान उपज के रख कामं विषपडिहारजमाया. ग्रहान कशत शिकारणि डानी पनयो निघारिजनांसर कारण बीजा यह वस्त्राति
SR No.650016
Book TitleBhagavati Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1539
Total Pages1168
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size575 MB
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