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वयमाणायाम शिपिरिया सामपद मेलेला सादात साल रिमद्दा णिक्षा कल्ल रिमाइंड तिसत या लिया। वितया शिवा।। घगया। सु मिरा लिया। देता [गा। मामला डिक) वादिक विव माणसात संसद्यापि था। जावक सिरा पिया' ताईला कि हाई हाई प3दा दिक सामगा उठा इंशिता श्रहा इंसात जावनियमात दि सिंख इ। तापनीतम केशाला दिन विषय याम्याचमाम किया गया इंसा पारं गया सदा इंगा। आश्शाया इंसह 'उगई. खरोश रगया. पिशनापार गया ईसाई | जहाला माणूस आरगयास त्यादिनु प्रधमर दास पर गया सहा खाति दारणकवली कि आरगया इंसाइंस मारवेल पारगया महागावली आारमा येवा पारगयथा । सदरमूलमा तिथंस देना पामशामाकरण तथा कवल आश्गर्थ था। पारगयँवा । जावया संश[गा। कथ लीड़ राशनंई रशिमां मियं पिडा एति। श्रभियं पजा । एवंदा दिक्षण पशिमचादमियं पिडा एशअ मियं पिजाए। सघंका शकवलीमा सशकवला सच्चा सद्यकाल सबलाव | रहिम मियं पि• मित प्रमाण संहितं गर्न मनुष्पादि जीवव्यमपि घिवी जावा दिवनस्पतिजी
चाहारा विश्व न
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पायास • माटी का हल्ली\\ रिपिरिया
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