________________
स्वर . धोवे वित्तं• प्रचि दिसिशुक्रव
वत्र बोहवाल
किं घडीसम तिरि
दिनतिज्ञायाः
प
लगता •aiगतिधिप। श्रणश्राणदेव मंदिमादादवादमा पिया दिया 3 ढंग तिविसप चमार सुर सीदमी दाचा रिपरिप आदगतिविश्राणायामादशचवांजाव तिथे खिवंस सुर राक्काद विशंदादश राया भणयविपाकसमातिवाद्यादा हिंदंशक्रादादि। तं धमारतिदिसा नो सेतावसम्म दिविदम्मम दिवशमा छालाय कंडेश्रादा लाथ केंड | मोखाडा ज्ञान तथा तेश्मा शिंदे असुररायांचाहा प्रवयविपाक समतेसावादा दिव जति दिसावा व मरस्त रिंद ॥ स्मासुररामा आमाला एकष्ट पह लाप कष्टए। सांख जाए। एवं खलु गाता मा। साकणं दिविदिणदिव पादा तिरियंचगतिविमयमनकथाकार दिशा पala ऊपवा । अल्लि था। शिसमा दिएथा। ग
थमा। सर्वोच्च वखते सादे विदिदिव रायायादथ । कसम तिरियंस खाऊ लागे ५/७६ खिला गरम रस्म नासु रिदम खरशमा श्रादतिरिचग॥
जाई ॥ जिमाकाईएक एक घडाइएका
जाइनर उप
करताकडए- कालवड कालमा
मजाक तिथिस्तकार कथार दिता आण्णवाब एवा अल्लवा। शिमसा दिया। गायमा संचा घडी शाट जोयना साधावें वित्तंमार-चमा उई दशि वत्रे वो बाल इ. एक सम5011