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________________ रानातथमास्त्र सुशिंदे सुश्रायाम दिए। महती जावक दिपविहारुडा गारसाला क्षि हाताला गियाचा। चमारणंलाख शिंदर राणा सा दिवा दिविद्याताचय किणाला प देवागाथमा। तांका लगाम शव बुद्दी दी। शहवा संविसगिरिया। यमालावासाला में से निवासां aagi aaणेवातालसन्निशवासराणना मंगादाव तपश्विमुइ। ग्राह शिन ऊदा नाम लिया ॥ aaaयातदानया । नवचनमुडयेदा। रुमयंप डिग्रदयंकरता जाव विडले ! असा एखातिमजावस यामवचा उण्डयं दारुमयेप डिग्रदयंग दायमुंड। लविता यणामापत्रकापपत्रावि यसमा । एतदेवजावयावशाली एपो रुलिना। सयाम एंड यंदा रूम डिजा दथंगदार्थावानालसन्निवास उच्चनीयम शिमा इंऊला इंघरसमुदा स्त्रतिरका थरिया पंच डिना । ओमपदामंडप पडश कण्णशम तप घयप दिया। दल इत्र) जम्दा वेड एण्ड इक प्पशमत का गंडा या दलयात्रा मताच पण शमतेम का दल इतप
SR No.650016
Book TitleBhagavati Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1539
Total Pages1168
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size575 MB
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