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________________ " एवांस साविस तगमगा ताकि बा० एवं तिने तारागम६यक्तामात्रा षापि सगमा नाली न एवं करणान्याऽश) स्थितिः जघन्य ऋष्टं नेदाद्य योः गमयोः नार कालो उक्का ताप व मध्यमानमवगमंत्र यत्रा मोतिशत यावजदेव ने रश्यादसए न्या यधाय वानराय को दशको घमेसंज्ञिपाचे निय लाम त्रिशस्ति निना नाचं नव नि नघाए वहा पिशनिवा यात्राः ॥२॥ दामहापादाक्कामा रिसागारामांचे दिश्रोतामात्र दिवश दिया इंपति यंका लगवासमा मित्रराम गाला गियचा जादा अहम समिपं चिंदिप म/२५ या मशिम संगम पप द्विमण्डतिसंगमदिति॥सतोच सति विदेवासक्कश्णनप्रद दिएर तिनला एवंद्र दाभ्यामपला पावगमा कातादव सकरपलाए विवशे सारागा क्षणा | ॐ हा उगा दणसंडा एतिपि तिमिश्रमा पियमंहितिबंधाव 'नलिया। एवं वदिगमगाउयुं जिना नालिया । एवंजाaaraamaरंगाद गालिस्माद्वितियण बोसोव दायजा डिति या आदमत्रमरियागंनातनवि |वेदेवणवगमगाएगा दालमा जाणिव मला दिसणं दाम दाल वग्रदा । अक्क सब झवग्रद राई काला दाम दास दादी मंगा गारावमा श्रोता मुनम दिया इंका मिणांबाव दिसा गारावमा इति दिशहाकाडी दिश दिया। पथ नियंत्रा दिल्ल एस बगमा दानवयद ।।
SR No.650016
Book TitleBhagavati Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1539
Total Pages1168
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size575 MB
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