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________________ ॥ श्रदातविय。 ब 65 शमशाद रवदनंदि Raa मला दायादमगमगा का यचा निश्वासमंड होता तवाया। चिया बारकविद्वयं बाडगमा लिंग बिल्ला लगफण संदा लिमासा रुरक पिप्पलिर पिलस्कु का रियकडे तरियादवदा लितिल गलन दिपाला वाणीकडलग गए सिडी वाला एकमताने हातवानिंग एवं विमूला इसगातालवास रिसाने या aailaतामा समाता। अदलातवा इसगाताला वृंता की वास रिसायचा) जावनीयांत तिवा समता सांतवा तिंगलवाए। पडदा पत्रवणाए एय जावगंजपाडलावा सिंचांकाला सिगोजा जीवामूलता एवकमंत विमला दीयादस अहमगाना देनायं विनिश्वास संदा मागवावा बदलावास डिकदमा लिय का रेट बडेजावगमाण का अढापत्रमा एण्ट हा सारण जावनलणीयकंदम हाजाती। एए सिग जेजीरा मूलता एक मंति एवं विमूलादीयां दस गद्द सगा। निश्वास संहासा सिडिοगुल्माल Vरूरवाण्डू नया SHOP
SR No.650016
Book TitleBhagavati Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1539
Total Pages1168
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size575 MB
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