SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 1049
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ बकसम जिया. बहजाको दिपाचलगना काय नशा कादियां चली के एनो ब के ए० ११ लगी। बाक हिय समाज या घर का बाक हियनोड के घणा का नोट के ए० एकच्या दिपलगीं। a नरवाना किं मम किया।नविक्रम मयि शकणयांना काय समकियांशक (दि मम क्रिया बाँक दिशनाग गायसम किया। गाने रतिया गाँव कसम क्रियाविनो बक्कममदि याशिक यांना शक्यसम क्रिया शिबशक दियस मक्रिया विशाक दियाना बाक पायसम परिमाण स्प क्रियाकरणइति । नेरतिया समडिया विजाग दियनो गायनमा विषकन मर्जिताः पिडिताः ष क्रियानि रतिया ॥ विसरणाविति नेतियाब कसम इसमर्जिताय या जपान रतियाजद दादिवाता दिवा | अक्कापावी एकत्र समयो मापविसंतितान तियांना छ । मम क्रिया जान रतिया वाक्यांश्रयजद उत्पद्यातात घ योराशिः स एषटू कण वादा दिवाती दिनकास पंपावर पणपविसंशितान रतिया के श्रमणो यदस्यातू थाना कायम किया । नेरतियोग दिनक दिपावसणयं पविसेतितां निरतियाचा नदात्षोकस मि कसिम दिया। जानेर तिया हिंग यि तदामा णाद्य वादा दिवा ती दिवा कामपणपविति ॥ तांनरतिया बाक दियाना कायसम दिया। माताचेवस
SR No.650016
Book TitleBhagavati Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1539
Total Pages1168
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size575 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy