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निरनिरखिकाए माद्याञ्च त्वा रोवदनादिसमुयातः तिषतजोल आहार कला सर्व तेजस समुद्र घाता हा एक समुदघातऽसत्ताही यामाहार असुरक मारन पंचः तेजस समुद्यान संत व जे जसलसिंतबर तिला सुरके मार बिना सविषां मपिदवी ना मा हार कसमुद्रघात व जीनो कला संस पंच समुदघातमः मनुष्यनइ समुदघात संत वई जैसा चन्देह पूर्वधारी मनुष्य साधुति नि आहार कसरा बी जानना स्त्रो नात मुनुष्या रश्यालात कविकसायसग्या तापमानागात्रारिक साथ एड विभ
खग्णातायमवावंजावरमाया
मुष्य
त्वादवया
समुदघात
गरम गोलोतानरइयस्मादवविता का इस यातायाता॥गा। शाकवतिया द्वाररक बसेसवा मागा कस्मशिकस्त इन चिस्मदाम कोवा दावा तित्रिवा अक्कासाद्यासारखा तावा जावावमा गियरस एबेला वराला लसखग्णातिपात चत्रारिदंडगानरइयानात म स्विका कवतितका दसमुपायातीता गायमा एताना स्वत खानि रुमि आावावमा लियाएं) एवंजावालालसखा ता मे प्रतिय रश्यमानरश्याने कवश्याकादसम्रा समु मुग्यातालणिता तहा का दावादिता समग्रता मायाग्याता शितिर वाम संऊदा मारणां तिय समुग्धातला दसमुयाता अदाकार तिवा साय समुपगता | नवसारादीनि एञ्जालाल कसा ए एडवरियातानया MP यापलातानरश्शत्राकरविता का सम्रग्यायातीता [गा। ताकि वश्याधाररकमा
ताक वश्याधारक एविश्वारिदगा || एमामगस्म लावने स्वातीताएगा। तायदे दादासा चोभिश्वाससं जागरमा पिशाब माए
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