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________________ वाविवैालन नानारूप विकुर्वर कुमारदेवतान हुए विशेष ततो० परि०तिवार रिंगमावर ततो विउ नकरादेष पूर्ववि ऊर्वराश्वातपरिवार एगा तेश्दविशीष्ट राष्ट्रादिक उपा इष्टकीय रुपकुर्वतिराष्ट्राय तो गंइतिप्राोग निοजे गोतमा नजा वारिमन्नव्यापार के प्रो हो र ग्रह एतेलीवानले सेतो सेब का लिन्गानामनिवतिः सबलोमाहारोवसात दिवई जान प्रादानाविष इजनि दशाबार जेपुजला हो० प्रादार ग्रह तेजाज्ञा नकरेजाए २. मो० देश ल्याल सुमन जाएग दारणतातानिछायाजावताताएवापरियाराया एवं आवकिमारा विकाश्या राधा भाइ वरादारातावानित्रयाताला एरिया इयता नानापरिणामरणवदादा परियाररावाना नाव अच्छयाद यम) वाचवावपरियाररगना राणावदव दंशदरिदिया पूर्वज कलुष रेवाक दिय तिरिस्काऊशियाम सायऊदा गरइयादा एमेवर रजाइ सियाव माएियर मारकिंचा निछत्रियणाश्रनात समा निि वकर्मप्यद यमागतैत्तव त्यादफपन नागनिशिएशिएवं परकमा राऊ गनित्रिएणाला गतिवन्निएर श्या खरकमारा|रयागोलते विछत्रिएदिण वाद मागियो नवरेए गिंदिया नाशाला लाताजायायालयादारत्रायाग एदं तितिकिंजा एतिया सतिच्या हारतिजदाऊन ऐतिन पासे विशापयसेतियाहारेतिए दंडा वातशे दिया चरिदियारा । पुत्र शम गतिया एव्या ऐतिया सेतियाहारतिय गतियार या दिए पासेतियादा रितिविंदियति रिस्क जारिया एंडबा |[एगा। शम्मतियाजाएं) तियासेतियाहारिता मतियां जाएं विया या सेति) तिम्रादारवि गनोतवतिस मन्त्रातिगमाः सम्यक्त न सिगमयामइ मित्रातिः मि ध्यात्वनश्या
SR No.650015
Book TitlePannavana Sutra
Original Sutra AuthorShyamacharya
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages596
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_pragyapana
File Size297 MB
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