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________________ केवल संपूर्ण देश बोके वज़द पूर्शन के बजने व सकल जग्गा विसमस्त सामान्य परिवेदयं दर्शन केवलदनिधनः पर्यायशतवतिः दीन मशि किमनद्या पान पंचमोला का रोयोगा नत्तवतिचेत उच्यते मनः पर्यायविषयं यदिज्ञानं मनसः पर्यायानैवंविविक्ताम ग्रयजायते पाचवे शेष विशेषानन ज्ञानामचद निमिति मनमयाय दर्शन नावस्तता वा श्रमाना का रोष योगा उगेक तिविदयमानेगाव शिदेपसा) माता सोगारा 摘 रागाराच पंस्मरण मामाएविसंग गागर एमात्र गो विशिदपात्रात चरक दसकदेसराव दिसणारा जावमणि यक्कुमारा ग) प्रढ विकाश बागाशिवाय मान्नातीसागारादाग एगाराचागयघ ढविकाश्यापतात सागाराखाग कतिशिद घमात्र गाडदिएमात्र तामतिमा एम माणस राणातगा aamhaशात्रागाच् रकदंसणगार मात्रपरंडावर एय्फइकाइया गाई दिया) डब्बा। गाड विशदागमा गायब दियालातसागरा भाग कतिविधिए मात्र) गा)चत्र विदेयत्राता) झालिब दिया एसागा। खय्याग सागामिदिमा राम्रयमाणाब अगक विविध मात्र गराग वरकस एरागरागेोयरात इंदियालात दिया विवरिदियारा दिएवाचवावरं रागराग दिएमात्र तं चरक दंसणगाराव २३४
SR No.650015
Book TitlePannavana Sutra
Original Sutra AuthorShyamacharya
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages596
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_pragyapana
File Size297 MB
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