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________________ अन्नदरस्ताविर एमन्त्र घसमयेयारियरव शिय्याय कि रिय्यामा उठे। यागाश्वादा किरियापुठे। कवि ऐलान किरिया । यमदणा त्रागायेव किरिया उपस्सना ऊदा घार लिया। रदिया| मायादत्रियाञ्चरका किरिय मिबास एव त्रियारतिय येतात कि रिया कस्स कति सदर स्सावि)मनसजव स्मपरिय दिया गलांत किरिया कस्मक छति॥ यस्स य्यान तकिरिया कस्मक छतिगात्रयरस्तावि रहरकाए कि रिया एताद करम कछति॥गाय रस्मा विना रेका समिबादेस विटयर ऐलान कि रिया कस्म का alएगा अनय रस्सा विमिता दस स्पिरश्यास्तान कति किरियाता) मना [गा। ऐव किरियापानावीतोपारंति याजावमिवादे सावत्रिया) एवंडावारमाणिया एऊस्मानातजीवस्मयावस्ाचार निया किरिया कच्छ ala एरियर दिया कि रिया का जिस्मप रिय दिया कि रिट तिम्मा लियाकत गाजत गाव सार लिया कि रियाका 17म्म एरिश दिया कि रिया सिय कच्छ तिमिरण करताना एरिय दियाकछतिशतमा २४३
SR No.650015
Book TitlePannavana Sutra
Original Sutra AuthorShyamacharya
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages596
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_pragyapana
File Size297 MB
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