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________________ किसा ख्वादिवावमा किरिया एरियामोहद दिनाकर किरिया गा किरिया शिव किरिया शिषेव किरिया गिरणारइया वर शिंता कति किरिया गाति किरिया शिदन किरिया वि एवंका वारमा पिहिता ॥ वरंखरा लिय सराएर दाता ऊदाजावादाता रक्कम) एतादानकतिकिरिएगा जादा वरपरश्एक्वारिद मार विचत्रा रिदमगाना पियवा एवं वरतिजीवमशासयय किरिए वेति ससा किरियार । छतिसादाराल यसरी रहिताएं कि रियानरश्यादावदिवा पंचमा किरिया एवेाककजी) वादववा रिश्देमाला गिवा एरंगतं दंडगसते साधवियजीवादायादंडगाकतियांलाकि रिदयातायस्मत्रता गायेच किरियातामा ज हाकाश्याजावाणातिवाद किरिया) एपरश्याएंशतिकति किरियात्रेयानागारमा एंव किरिय महाकाश्याऊाव्यापातिदाय किरिया एवं काशवमा ऊस्ताव जाव प्रकाश्या किरियाकछति तस्मादिगरणिया किरियाकानि जस्मा दिगर गिया कि रिव्याक) २४१
SR No.650015
Book TitlePannavana Sutra
Original Sutra AuthorShyamacharya
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages596
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_pragyapana
File Size297 MB
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