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________________ iam गायविदियवरालियमशार गवतिय उपरि सम्यक् वालादाग्रेय रिसण्णा विसंगतिमगर sharea aaiऽविदा यस्ता तसिंख विमायागशवब ॥ संविभागिदा छ नायगतियावि 5शिद ॥ चिमम एमविदियारा दियउरालियमस्य समविदियउरालियस रातका यसरारयागशव कंतियमपपविदियउरालिंयसरी रगलरक्क नियम लातकतिदिए। गाशितैशव के नियम एस गगशरांति यमप्रसय विदिवरालियसारया जरा लियसर संगिएural गिदियवरा लियस र एलोत किं) दविकाइए गिंदियञ्जरा लिय सरीरेणेलात किं संविए विकाश्या विबादरा ए एतांत किस विमगाएगा सेवाए संविमानसेवासंसि एमात्र गामरचंद सेवा से विमान एवं चरपद्यना एस्मन्ना दिएवाचवा प्राकाश्ए गिदियवरालियस शारणलात किंसं विएमात्र गाधिजगबिसे वापस विमान एवंखकमबादरछना र पात्राए शित काश्यदिगिदियोरा लिय सरीरलात किंसे वाणसे २२६
SR No.650015
Book TitlePannavana Sutra
Original Sutra AuthorShyamacharya
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages596
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_pragyapana
File Size297 MB
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