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________________ एजो गइकन मन गएमा म मम तर बाज इमम स्वतनमनप जगाः॥२८८ कोसे कदम तातेको सो साग रोवमसतघ त्रपणे सात बादर29) गा का काश्यपात्रताता येोरेवाकाइए। गाजि यसरीरबा बादर छत्रपतात बादरय सातारंगीबाबादरविकार सारावास सहसा दमासकस साखारादि दरवशास्त्रतिकाइपबागाऊ दरमाएं येते रखवाकास साखद्या रासस दस्साई बागादयन्त्रण बादर निपादपात्रय aaj गदामिदिदाम विवाका एविवशताखकच रसकाइए छत्रप नोतबादरवस काश्यामछत्रपत्रिकालावा के विरोदा शागा ऊदासमशततेाकास सागाराव मसतसा तिरिगं । दारे साझाग) एतात साडा गित्रिकालात कुछ चिरोदा शगा।साझागाऽशिदादाराव सिए शाइएवासएछ र सिए | माझा गालात मए) जागतिकाल केव विरेंदे गाजदरमा गए के समय अकासितामुत्र एवं शऊागीविका याऊगा सात गजामश ॥शका कमज मनजोगक. मनजोगजनक इ पर प्रा मावइत्री जैस मए मरना भइ‍
SR No.650015
Book TitlePannavana Sutra
Original Sutra AuthorShyamacharya
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages596
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_pragyapana
File Size297 MB
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