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________________ शिडशिगंध परिणता गिरसउतिनरस एरिएनाडियस परिणताविक सायरस परिगताविनि। लस्सएरियताविमररसय रिगताशि फास करकडे फासपरिणतादि। मजटर फासयरिणता दिग रुययासपरिता फासय रिता विसायकास परिया ताव। उसिफासपरिगता वि।। शिव्यास पशि कफासपरिता विसंगपरिमंडल सेवा गए रिणताशिरसंवा परिणता विसर परिणताच उस गरिएताशाय संग गरिए तादिराला दियवमपरिगतात गिरिगताविशिगंधपरिणा ताविशरस वित्त्ररस परिमताशिरुडयरस परिणताशिकसा राताशि बिल सपरिताविमरम्मपरिणता शिफासा अकरकडफासपरिगतागमजयफा सपरिणता शिगरुयफासर एता विलिऊय फास परिएला दिसात फायरिगताविविसि फासपरिणता दि६ फास परिणता शिखरकफासपरिगता शिसेवाए परिमंडल सेवा गरिएता गिदह संग परिणता शिवस सेवा परिणत व उससेवा गए रिगताविशयत सेवाए रिपनाविशai)
SR No.650015
Book TitlePannavana Sutra
Original Sutra AuthorShyamacharya
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages596
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_pragyapana
File Size297 MB
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