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________________ दिलावढगा महुयाङलगा सामागारा॥सतंगादास किंतमगरा मगराऽविदा एमत्रा । तेजदा( सोडम गराया महमगरायास ते मगरा स किं तं खमारा। २एगागारापस्सना सखेखमारा जयश्वमतद पगारातसमासाताऽविदा एस्मन्ना ऊदा। संघ विमायागतवतिया। तब एंजातसंखचिमा सबस तनवतिया॥ तितिविदापस्मत्रा | तेजदाश्च ॥ ५ रिसाएगा।ए तिसिएवमादिया एंड लयरमं विंदियति रिस्काऊपिया धातरसा अतिकलाका डिजा लिखदसतसद स्पावतातिम सऊलयर यांचे दि यति रिकाडामियाबास कितघलयर एं विदियतिरिकाजा पिया। घल यरये विदियति विकाडालियाऽरिहाए सत्रात ऊदाचा यघ ल यरयांचे दिव्यतिरिखकाजाणियाटर रिस घोलेर विदियतिरिरकाऊ पियायास किंतं घायल यरय विदिये तिरिराजा पिया। चप्प यघलयरपं विदियतिरिस्काऊलियाचा विदाएमा खरादिखरागंडीपदास एफ दस किंतंएगरखराएगरख रागविदास्सा। संतरा ॥घाउगा। गद्दला गारस्करा कंद
SR No.650015
Book TitlePannavana Sutra
Original Sutra AuthorShyamacharya
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages596
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_pragyapana
File Size297 MB
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